सख्त निगरानी से ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्तता में 33% की गिरावट, बिजली आपूर्ति में बड़ा सुधार

गर्मी में निर्बाध विद्युत आपूर्ति हुई सुनिश्चित, करोड़ों की आर्थिक बचत

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा बिजली व्यवस्था को मजबूत बनाने के संकल्प को नया बल मिला है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सतत निगरानी और ऊर्जा विभाग में पारदर्शिता व जवाबदेही की नीति के चलते ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्तता में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई है।

अप्रैल–मई 2025 में 100 केवीए और उससे ऊपर के 1300 ट्रांसफार्मर कम क्षतिग्रस्त हुए। वर्ष 2024-25 में 4009 की तुलना में 2025-26 में यह संख्या 2709 रही।यानी 33% की कमी, जिससे प्रदेशवासियों को बिना कटौती के बिजली मिल सकी।

पावर ट्रांसफार्मरों में 72% की कमी
2024 में अप्रैल–मई में 42 पावर ट्रांसफार्मर जले थे, 2025 में केवल 12। लगभग 72% की कमी सख्त प्रशासनिक शैली और ऊर्जा सुधारों का प्रत्यक्ष परिणाम है। 100 केवीए से नीचे के ट्रांसफार्मर पिछले वर्ष की तुलना में 2191 कम क्षतिग्रस्त हुए, जो कि लगभग 7 प्रतिशत है। योगी सरकार के “24×7 बिजली” के वादे को पूरा करने के लिए उप्र पावर कॉरपोरेशन अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल ने सख्त कदम उठाए।

उनकी यह स्पष्ट चेतावनी थी कि 100 केवीए से ऊपर का ट्रांसफार्मर जलेगा तो जिम्मेदारी तय होगी और सख्त कार्रवाई होगी।डॉ. गोयल ने फील्ड स्तर पर नियमित मॉनिटरिंग, रखरखाव की जवाबदेही और फ्यूज सेट, ऑयल लेवल व टेल लेस की जांच पर जोर देकर बदलाव को व्यवहारिक धरातल पर उतारा।

ट्रांसफार्मर की मरम्मत पर करोड़ों की बचत
ट्रांसफार्मर कम जलने से मरम्मत पर खर्च घटा, जिससे कोषालय को करोड़ों की सीधी बचत हुई। वहीं उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली से राहत मिली, जो औद्योगिक विकास के लिए भी अहम साबित हो रही है।

यह भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश ने केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी को 50 प्रतिशत करने की मांग की है: अरविंद पनगढ़िया

Related posts